फंगस संक्रमण का सटीक इलाज

 फंगस इंफेक्शन की सटीक चिकित्सा  -  फंगल इंफेक्शन की पांच टॉप औषधि। फंगस की दवाई के साथ कोर्टिको स्ट्रायड बेटनेसोल आदि का प्रयोग कभी न करें । विटामिन ए और b12 का प्रयोग उपयोगी होता है। नंबर एक - किटाकोनाजोले पहले नंबर की दवाई है।शैंपू, साबुन,लोशन और मुंह से गोली भी ली जा सकती है। यह योनि,जीभ, त्वचा पर दाद,चकते, डैंड्रफ,रेसेस आदि होना। पेट डिस्टर्ब होना आदि में प्रयोग की जाती है। 200 एमजी रोज एक हफ्ते से 6 माह तक रोग अनुसार ले सकते हैं ।नंबर दो - टरबीना फैन  नाखून में फंगस संक्रमण के लिए बारह  हफ्ते तक ले।दाद,चर्म रोग में दो से 6 हफ्ते तक रोग अनुसार ले सकते हैं।नंबर ३ -  Itraconazole tab.  200 एमजी। शुरू में 3 दिन सुबह शाम और फिर 200 एमजी रोज सभी फंगस रोग त्वचा,मुंह,गला,योनि, नाखून, फेफड़ा मैं उपयोगी है।नंबर ४ - फ्लूकोनाजोले चर्म रोग,नाखून मुंह,योनि फंगस संक्रमण में उपयोगी।आंखों की दवाई के रूप में भीआती है।डेढ़ सौ एमजी हफ्ते में एक बार भी लेना उपयोगी है। वैसे दिन में 150 एमजी एक बार तीन दिन तक भी ले सकते हैं।हार्ट,लीवर,गुर्दे के रोगी में सावधानी बरते।         नंबर ५ -  क्लोट्रामिजोल - चर्म रोग में क्रीम,पाउडर रूप तथा योनि में रखने के लिए गोली रूप में भी आती है।        कुछ और भी दवाई फंगस संक्रमण के लिए दी जाती हैं जैसे लूली कोनाजॉल - क्रीम तथा लोशन के रूप में आती है, जो दाद के लिए सबसे अच्छी दवाई है।  माईकॉनाजोले ,  पूसा को नाजोल ,ऑक्सीकॉनाजोल,एंफोटेरिसी 3.5 एमजी से 5 एमजी तक,घातक फंगस इंफेक्शन यानी ब्लैक फंगस आदि में प्रयोग की जाती है।पूसा कोनाजोल, ऑक्सिकॉाजोले आदि ।                                                टेटमोसोल साबुन या पाउडर का भी प्रयोग किया जाता है। नीम व हल्दी भी एंटीबायोटिक और एंटी फंगल मानी जाती है। टी ट्री आयल भी योनि की खुजली में फायदा करता है।

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