सनातन धर्म
सनातन धर्म या हिंदू धर्म
सनातन धर्म या सनातन संस्कार - सदा से चला आ रहा विशुद्ध ज्ञान है । 460 करोड़ साल पहले धरती के अस्तित्व मेंआने के बाद,आज से सवा सौ करोड़ साल पहले,धरती पर एक कोशीय जीव का जन्म हुआ और सवा लाख साल पहले जर्मन के लिएंडर थल नामक एक स्थान से, पहला मानव कंकाल मिला जो दो पैरों पर चलता था। समय बिता गया,आज से 50000 साल पहले मानव ने भाषाई बोलचाल की और कुत्ता वह घोड़ा पाला।लगभग 10000 - 11000 साल पहले परमात्मा के दिए दिव्य ज्ञान से महर्षि ब्रह्मा के उपदेश का संकलन कर अग्नि वायु आदित्य को अंगिरा ऋषियों ने वेदों की रचना की । त्रेता में श्री राम व द्वापर में श्री कृष्ण जी ने वेदों का पठन-पाठन कर,महा मानव की उपाधि प्राप्त की ।और जो एक है,नित्य है अव्यक्त है और ज्ञानी है सिर्फ उसे ही परमात्मा यानि भगवान माना और आज हम उन्हीं का अनुसरण कर सामाजिक व्यवस्था बनाए हुए हैं ।सनातन वैदिक धर्म से भी पुराना है, उपरोक्त का वाख्यान करना ही सनातन धर्म है ,लेकिन कुछ अज्ञानी निज स्वार्थी ,पाखंडियों ने सनातन और वेद की कठिनभाषा का सही अर्थ न समझ कर ,उनका अर्थ गलत निकल कर विशुद्ध सनातन व वैदिक धर्म का सत्यानाश कर दिया। शिवजी की मूर्ति को दूध पिला दिया, लिंग की पूजा करवा दी, अनेक भगवान बना दिए ,बुराड़ी दिल्ली में तो भाटिया परिवार के 11 लोगों को,धनवान बनाने के चक्कर में, फांसी लगाने को मजबूर कर दिया।इन्होंने सनातन धर्म का सत्यानाश कर दिया ।और मजबूरन कुछ विद्वानों ने दुखी होकर अपने अलग-अलग पंथ बना लिये - जैसे मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई आदि,जो सिर्फ एक भगवान होना मानते है। महर्षि ब्रह्मा,शिव,विष्णु,इंद्र,गणेश,राम,कृष्ण बुद्ध को महर्षि या महामानव कहो,भगवान नही,वह तो सिर्फ एक है । जय भारत
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