कर्ण वेद संस्कार

 10   - कर्णवेध संस्कार   -   सुश्रुत अनुसार,रक्षा और आभूषण धारण धारण करने के उद्देश्य से कान भेदे जाते हैं। ग्रह बाधा का भी भय नष्ट हो जाता है,यह कर्म जन्म से,तीसरे या पांचवें वर्ष पुष्य, श्रवण या रेवती नक्षत्र में प्रातः काल करना चाहिए, शुक्ल पक्ष इस कर्म के लिए प्रशस्त होता है,पुत्र का पहले दाया पुत्री का बाया कान भेदे ।

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