रसायन किसे कहते है

 रसायन किसे कहते हैं  -                रसायन(जिरियाट्रिक) का जो विशिष्ट उल्लेख आयुर्वेद में मिलता है वह अन्यत्र नहीं मिलता। रस =पारद अथवा स्वरस अथवा अन्न रस के परिपाक के अनंतर, बनने वाला रस। आयन = आवास अथवा मार्ग अथवा प्राप्ति। अर्थात प्रशस्त रस आदि धातुओं के शरीर को प्राप्त करने के उपाय को रसायन कहते हैं। जैसे देवताओं के लिए अमृत,सर्पों के लिए सुधा, वैसे ही प्राचीन काल में महा ऋषि यों के लिए रसायन का स्थान था।रसायन प्रयोग से पहले शरीर का शोधन आवश्यक है।रसायन,शरीर को स्वस्थ व रोगों को दूर करता है, दीर्घायु बनाता है , स्मृति शक्ति बढ़ाता है।रसायन द्रव्य  -                     1 -दिव्य औषधि - ब्रह्मी,सोम,सर्पा, अजा,सूर्यकांता आदि। 2 -मेध्य रसायन  - मैदा,महा मैदा,माशपर्णी, मधुएष्टि,मण्डूकपर्णी,गडूची,स्वर्ण ,लौह,वासा आदि। बल्य रसायन-  काले तिल,बिडंग, शतावरी, विदारीकंद,अश्वगंधा,बड़ी हरड़,मेदा, महामेदा, शिलाजीत गंधक,बला,अतिबला,ऐन्द्री, सिंघाड़ा,जीरा,कोंच के बीज,अभ्र्क भस्म,जीरा,सेंधव नमक आदि। नीम तेल,दृष्टफल है, आश्चर्यजनक लाभ दिखलाता है। रसायन योग  - शंखपुष्पी रसायन ,चवनप्राश, अश्वगंधा रसायन, शिलाजीत रसायन,हरीतकी- आंवला रसायन ,वृद्ध दारक रसायन जो स्मृति बढ़ाये,वृद्धावस्था से दूर रखता है।अमृत रसायन-जरा अवस्था को दूर करता है।रसोन रसायन वात नाशक है, गंधक रसायन - दीर्घायु,त्वक रोग नाशक, स्वर्ण सिंदूर -सोना, पारा, गंधक, उत्तम रसायन व वाजीकरण।मूसली पाक -पौष्टिक, वाजीकरण, बुद्धिवर्धक,श्वास-कास नाशक, बहुत ही उत्तम योग है। एलोपेथी के टोनिक इसी श्रेणी में आते है जैसे -इंजेक्शन Decadurabolin,vitamins, protein, minerals etc.

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