सूक्ष्म शरीर क्या है

 सूक्ष्म शरीर (सूक्ष्म क्रोमोसोम) -                    लिंग शरीर या जीवात्मा या शरीर का बीज या सूक्ष्म शरीर, आकाश को छोड़,क्योंकि आकाश क्रिया शून्य है, बाकी चार सूक्ष्म महाभूत -  पृथ्वी, जल, तेज, वायु तन मात्रा तथा मन, जो नाना योनि में गमन करता है और आत्मा, ये 6 तत्व मृत शरीर से निकलकर हित अहित कर्म फल अनुसार , शुक्र -शोणित से मिलकर, पुनर्जन्म कराते है। तभी तो सात्विक अवस्था यानि बचपन में कुछ बच्चों को(करीब 5 वर्ष से पूर्व)पूर्व जन्म का ज्ञान रहता है। यह सूक्ष्म शरीर तुरंत या अधिक से अधिक 12 दिन में दूसरा जन्म ले लेता है। इन बाहर दिन मैं वह न भटकता फिरता न वह किसी अन्य देह में प्रवेश कर सकता है,न वह दिखाई देता और न वह किसी को डरा धमका सकता और न वह दान दक्षिणा का मोहताज, वह तो सिर्फ और सिर्फ पुनर्जन्म या मोक्ष प्राप्त करा सकता है। भ्रम, भय और भूत यह सब मानसिक बीमारी है,न कि आत्मा या प्रेत आत्मा का खेल। मानव बीज या सूक्ष्म शरीर या जीवात्मा,अपने पूर्व जन्म में किए कर्मों के अनुसार नीच या उत्तम, मानव योनि में ही, दुबारा जन्म लेता है, अन्य में नहीं।।महऋषि भारद्वाज,चरक संहिता।।

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