रोग कितने प्रकार के होते है

 रोग कितने प्रकार के होते हैं   - आयुर्वेद अनुसार वात पित्त कफ के अनुसार वात रोग 80, पित रोग 60,और कफ रोग 40, कुल 180 प्रकार के होते हैं।वात पित कफ रोगों में नब्ज(प्लस), इन त्रिदोष रोगों के अनुसार ही चलती है,कोई टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती। जरूरत है तो, आज आयुर्वेद में अनुसंधान की। डॉक्टर का अर्थ है रोग आदि का डायग्नोस(निदान) करना। एलोपैथ(आधुनिक)पद्धति के अनुसार, रोगो की कोई निश्चित संख्या नहीं है, क्योंकि यहाँ रोग के निदान के लिए दिमाग नहीं,मशीनरी काम करती है। यहां तो कभी-कभी रोग का निदान ही नहीं हो पाता। दिमाग से बड़ी कोई मशीन या कंप्यूटर नहीं होता।आज का चिकित्सक रोग ढूंढने में असमर्थ है। उसे नहीं पता इसे मलेरिया है या टाइफाइड ,वह तो बस पैथोलॉजी लैब आदि पर निर्भर है।रही शल्य चिकित्सा,आयुर्वेद में तो शरीर में हड्डी 300 बताई और आधुनिक यानि एलोपैथ में 206 तक ही पहुंचे।आयुर्वेद में अश्विनी कुमारों ने मानव क्लोन ही नहीं ,धड़ से अलग हुए सिर को जोड़ दिया।जो आज के चिकित्सक के लिए सम्भव ही नही।ये तो स्पाइनल कोर्ड के फ़्रैक्चर को भी नहीं जोड़ पाते।

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