कहाँ से आया आयुर्वेद
कहाँ से आया आयुर्वेद - आज से 11000 वर्ष ईसा पूर्व,महर्षि ब्रह्मा जी ने चार वेदों की रचना में, आयु का ज्ञान कराने वाले आयुर्वेद का विस्तृत और विशुद्ध ज्ञान कराया। जो क्रमशः इंद्र,अश्विनी कुमारों, धनवंतरी, भारद्वाज, सुश्रुत, और चरक आदि द्वारा हमें प्राप्त हुआ। शरीर रचना-क्रिया और चिकित्सा आदि का, शुद्ध, प्रमाणित और विस्तृत ज्ञान कराया। शल्य चिकित्सक अश्विनी कुमारों ने तो, आज की न्यूरोपैथी को भी धक्का दे, धड़ से अलग सिर का प्रतारोपण तक कर दिखाया। आयुर्वेद का 3 सूत्र- वात- पित्त- कफ, पंचकर्म, सिरा वेध, वाजीकरण, रस-रसायन और पुंसवन संस्कार तथा पुनर्जन्म का ज्ञान, हमें और कहीं नहीं, आयुर्वेद में ही मिलता है।आयुर्वेद चिकित्सा में,प्रकृति की प्राकृत औषधियों का प्रयोग होता है,जो कोई दुष्परिणाम नही दिखती।और यही सभी चिकित्सा पद्धति का जनक है। अगर आयुर्वेद न होता तो एलोपैथ, होम्योपैथिक,बायोकॉम्बिनेशन आदि, कोई भी नहीं होता।सभी ने इसी को तोड़- मरोड़ा कर,अपना अलग अस्तित्व बनाया।
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