सृष्टि यानि संसार की उतपत्ति

 सृष्टि।  -   



   आज से 460 करोड़ साल पहले,सूर्य सेअलग हुई पृथ्वी का तापमान 1200℃ था।जिसके धीरे-धीरे ठंडी होने पर आज से 120 करोड़ साल पहले,अफ्रीका में,परमात्मा के प्रभाव यानि प्रकाश से,चौबीस तत्वों(अष्ट प्रकृति - 1 मूल प्रकृति,2 महान यानि बुद्धि, 3 अहंकार,4 शब्द तन्मात्रा,5 रूप तन्मात्रा,6रस तन्मात्रा,7 गन्ध तन्मात्रा,8 स्पर्श तन्मात्रा तथा सौलह विकार -  पंच ज्ञानेंद्रि 1आंख,2कान3नाक4जिव्हा 5 त्वचा ,पंच कर्मेन्द्री 1हाथ2पैर3गुदा4लिंग5वाक-वाणी तथा  मन और पंच महाभूत - पृथ्वी जल तेज वायु आकाश) के शरीर को बना,इसमें अपने प्रकाश रूपी आत्मा का संचार कर,25 तत्वों का मानव जीवन दिया।जो बारबार अपने कर्मोनुसार,मृत्यु उपरांत,सूक्ष्म शरीर के द्वारा,मानव योनि से पुनर्जन्म लेता रहता है।

  (चरक संहिता)

परमात्मा  -अनदिअव्यक्त,नित्य, ज्ञानी,एक और सर्वशक्तिमान है।

आत्मा। - अनादि,अव्यक्त,नित्य,व्यापक और चेतना धातु से जानी जाती है।

सर्वशक्तिमान , एक , अनादि , अव्यक्त ,हर जगह रहते हुए,अपनी शक्ति यानि अपने प्रभाव,आत्मा, द्वारा जीवन देने वाला है। दुनिया मे कोई दूसरा भगवान नही है।श्री राम श्री कृष्ण गुरु नानकदेव मुहम्मद साहबआदि ,भगवान नही- भगवन है यानि श्रीमान या फिर अवतार या नबी कहिये।

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